Nepali Poem : Life through Kite's Soul - Naweentam

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Wednesday, April 18, 2018

Nepali Poem : Life through Kite's Soul

बादलको छुने कि चाहत लिए
आशमानोमे लहरानेको तयार
कोन रोक पाएगा आज मुझे
हौशला बुलन्द किए
बार बार गिर्ने के बाद फिर से गिर्ने को तयार
ए हावा ए तूफान क्या रोक पाएगा मुझे


पैहली उडान्, बस एक हि अरमा लिए
निकला तो देखा हजारो कम्पिट करनेको तयार
ए हार जीत कि खेल क्या रोक पाएगा मुझे
अजिब सन्स्नाहट एक अलग मुस्कुराहट लिए
सामने से गुजरी वो, लगा दोस्ती करनेको तयार
ए रिस्ते ए नाते क्या जकर पाएगा मुझे

कही दुरसे आके टकरायि, सासो मे सासे लिए
उस्की बाहो मे फिस्लने को तयार
In extreme case क्या ? : बेब्फाई, क्य रोक पाएगी मुझे
हातोमे हात डाल गलत नियत लिए
पिठ पिछे छुरा घोपनेको तयार
आखिर काट डाला, क्या भुल पाएगी मुझे

कटकर वेबश लाचार गिरनेको तयार
गिरते हुए यु निचे देखा तो
चैहरे पे मुस्कुराहट लिए मेरी ओर दौरते
नीचे मेरे स्वागत को तयार

फिर से एक String के सहारे
वही कहाँनी दौहराने को तयार
ए बार बार कि बेवफाई
क्या रोक पाएगी मुझे
Destiny समझ जानेके बाद भि
Destiny से लडने को तयार
क्या आश्मा कभी गले लग पाएगी मुझे
क्या ए कहाँनी कभी पुरी कर पाएगी मुझे
मेरी अधुरी कहाँनी

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